रेल मंत्रालय और राइट्स (RITES) लिमिटेड ने सौर ऊर्जा एवं पवन चक्की(विंड मिल) संयत्रों जैसे हरित ऊर्जा के सदुपयोग, पावर ट्रेडिंग गतिविधियों, ट्रांसमिशन(संचरण) लाइनों एवं पावर निष्क्रमण(Evacuation)योजना, ऊर्जा संरक्षण पहलों, कैप्टिव बिजली संयंत्र के माध्यम से बिजली उत्पादन में कुशल समन्वय, ऊर्जा ऑडिट आदि से संबंधित भारतीय रेल की परियोजनाओं के लिए आपस में मिलकर क्रमशः 49% एवं 51% शेयरहोल्डिंग पैटर्न पर रेलवे ऊर्जा प्रबंधन कंपनी नाम की एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाई है.
रेलवे ऊर्जा प्रबंधन कंपनी(REMC) हरित शक्ति उत्पन्न करने और भारतीय रेल के ऊर्जा बिलों को कम करने के उद्देश्य से अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा संरक्षण के कार्यों में तेजी लाने में भी मदद करेगी.
रेलवे ऊर्जा प्रबंधन कंपनी(REMC) द्वारा देश के सघन वायु वाले राज्यों में 157.5 मेगावाट की पवन-चक्की स्थापित करने की योजना बना ली गई है. रेलवे ऊर्जा प्रबंधन कंपनी(REMC) इनमें से 25 मेगावाट का पवन-चक्की संयंत्र राजस्थान में स्थापित करेगी. इसके लिए नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के एक अंग पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी केंद्र(C-WET) को परामर्श का संविदा प्रदान किया गया है.
1. PGCIL के साथ REMCL द्वारा निर्माण ट्रांसमिशन लाइनें
REMCL ने 220/400 किलो वाट प्रणाली पर CTU नेटवर्क कनेक्टिविटी वाले 132 किलो वाट के रेलवे के ट्रांसमिशन कॉरिडॉर्स का निर्माण कार्य आरंभ करने के लिए PGCIL के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.
REMCL इस मॉडल को डिजाइन बिल्ट फाइनैंस ऑपरेट एंड ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल के आधार पर अंतिम रूप दे रहा है, जहां संपूर्ण वित्त प्रबंध इसी मॉडल पर किया जाएगा.
2. द्विपक्षीय व्यवस्था के माध्यम से बिजली का प्रापण
महाराष्ट्र में हाल में बिजली की कीमत में बढ़ोत्तरी हुई है. REMC द्विपक्षीय व्यवस्था के तहत गुजरात से (जहां कम दरों पर बिजली उपलब्ध है) कम दरों पर बिजली प्रापण की संभावनाएं तलाश रही है.
3. पावर ट्रेडिंग गतिविधि
वर्तमान में भारतीय रेल पूरे दिन के लिए निर्धारित बिजली प्रभार का भुगतान कर रही है. हालांकि बिजली रात्रि अर्थात् कम खपत की अवधि के दौरान कम दर पर उपलब्ध रहती है. पावर ट्रेडिंग, अल्पकालिक एवं द्वि-पक्षीय बिजली खरीद गतिविधियां, सौर बिजली आदि जैसी पहलों से भारतीय रेल के बिजली बिल में अच्छी-खासी बचत की जा सकती है.
REMC हरियाणा राज्य में उत्तर रेलवे के दिवाना उप-स्टेशन में पावर ट्रेडिंग की पहली पायलट परियोजना पर कार्य कर रही है, जिसके अप्रैल,2014 तक आरंभ हो जाने की उम्मीद है तथा इससे सालाना रु. 08 करोड़ की बचत होने की आशा है. REMC, उत्तर रेलवे और ट्रेडर सदस्य (PTC) के बीच समझौते पर हस्ताक्षर के जा चुके हैं.
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