रेलवे के “विजन 2020” दस्तावेज के अनुसार 2020 तक भारतीय रेल पर कम से कम 10% ऊर्जा का इस्तेमाल अक्षय ऊर्जा(Renewable) स्रोतों से होना चाहिए. अपने पर्यावरण को बचाए रखने के लिए और वैश्विक जलवायु में हो रहे परिवर्तनों के खतरे की चुनौतियों से निपटने के लिए तथा जवाहरलाल नेहरू नैशनल सोलर मिशन की तर्ज पर जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए भारतीय रेल हरित ऊर्जा का उपयोग(हारनेसिंग) निम्नानुसार कर रही हैः-
1. पवन ऊर्जाः
2. सौर ऊर्जा
निम्नलिखित लोकेशनों पर सौर लाइटिंग प्रणाली के लिए लगभग 5.5 मेगावाट क्षमता का सोलर फोटो वोल्टाइक(PV) मॉड्यूल्स की व्यवस्था की गई हैः
भारतीय रेल ने MNRE से सब्सीडि के साथ निम्नानुसार 9.8 मेगावाट की सौर बिजली का उपयोग करने के कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की हैः